राजस्थानी भजन

Rajasthani Bhajan Lyrics

विश्वकर्मा स्वामी नारायण अंतर्यामी भजन लिरिक्स

विश्वकर्मा स्वामी, दोहा - विष्णु से विश्वकर्मा भया, प्रभु दिनों शिल्प कला रो ज्ञान, आंखे मूंद कला दर्शाई, जा रो...

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बार बार करू अरज विनती श्री विश्वकर्मा प्रभु ने

बार बार करू अरज विनती, श्री विश्वकर्मा प्रभु ने, म्हारी अरज सुणो महाराज, चरण रो चाकर थारो मैं।। जगकर्ता, जगभर्ता...

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जांबा और जांगलु माही भरिया रे नाडिया भजन लिरिक्स

जांबा और जांगलु माही भरिया रे नाडिया, मोतीड़ा चुगता हंसा ने निरखण चालो सा।। मैं म्हारा साथीडा़ जावां ला जांगलु,...

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