सतरी संगत म्हाने दीजो रे गुरूजी भजन लिरिक्स
सतरी संगत म्हाने दीजो रे गुरूजी, दोहा - संत हमारी आत्मा, ने मै संतन की देह, रोम रोम में रमरया,...
Read moreDetailsसतरी संगत म्हाने दीजो रे गुरूजी, दोहा - संत हमारी आत्मा, ने मै संतन की देह, रोम रोम में रमरया,...
Read moreDetailsसतगुरु ज्ञान दीयो किरपा कर, धीन गुरू ज्ञान दीयो किरपा कर, समझ समर्थी रहना हा, जगत भगत रा मार्ग जुदा,...
Read moreDetailsनगर नाडोल जामो पायो, अणसी बाई ओ, पायो अणसी बाई ओ, काला केशो रे माई, बाल उमरिया मे भगती कमाई...
Read moreDetailsलिख दो म्हारे रोम रोम में, राम राम हो रमापति। दोहा - संत हमारी आत्मा और, मै संतन की देह,...
Read moreDetailsकटती गाया री पुकार, सांभलजो बीरा, कटती गाया री पुकार, जद सु ए गाया कट रही, धर्म ध्वजा थारी झुक...
Read moreDetailsभोले नाथ ने मनावण जी, थे तो राखो नी छतर वाली छाया ओ, भोलें नाथ ने मनावण जी।। भोले शिवरात्रि...
Read moreDetailsआजा मोरे कंठ शारदा, बैठ जा भवानी ये, बैठ जा भवानी दुर्गा, बैठ जा भवानी ये।। कुण देवता करी थरपना,...
Read moreDetailsगुरु जी बिना कोई कामे नी आवे, कुल अभिमान मिटावे है, कुल अभिमान मिटावे हो साधो, अरे सतलोक पहुँचावे है,...
Read moreDetailsहालो हालो म्हारा दीनदयाल, म्हारे घर हालोनी। दोहा - रामा सामा आवजो, ने कलजुग बहत करूर, अरज करूँ अजमाल रा,...
Read moreDetailsभाई लेनी गुरूजी री शरण, तरण रो मौको आयो रे। सुबीसा से मनुष्य तन पायो, अरे अजब सोच मन मे...
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