धिन सोलंकी सिद्ध राव नखत अवतारी भजन लिरिक्स
धिन सोलंकी सिद्ध राव, नखत अवतारी, बालूङो तपधारी, थाने भुआ सा गोद खिलावे, नखत अवतारी।। धोरा वालों देश, नखत तपधारी,...
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Read moreDetailsकैलाशपुरी में शंकर जागा, दोहा - पो फाटी पगड़ो भयो र, जागी जिया जूण, चोंच पराणे देत हैं, सबको दाता...
Read moreDetailsम्हारो नाथ अमली रे, म्हारो शंकर अमली।। दोहा - भष्मी लगावत शंकर, लोचन बीच पड़ी जुर के, ताकी फुफकार शशि...
Read moreDetailsशर्म से मरगी रे भोला, थारा लांबा लांबा केश, लांबा लांबा केश थारा, लांबा लांबा केश, शरम से मरगी रे...
Read moreDetailsसतगुरु आप अलख अविनाशी, दोहा - बड़े बड़ाई ना करे, बड़े ना बोले बोल, रहीमन हिरा कब कहे, लाख टका...
Read moreDetailsधन धन भाग आज, सतगुरु आया। दोहा - पूरब भाग सतगुरु मिला, ज्ञान गंगा बहाय, विजया मुमक्षु जन नहावे, आवरण...
Read moreDetailsश्री जम्भेश्वर भगवान, जागण रो निवतो है, जी निवतो है, म्हारे चार भुजा रो नाथ, जागण रो निवतो है, जी...
Read moreDetailsसतगुरु अविगत भेद बताया, दोहा - नमो नमो गुरु देवजी, नमो नमो सब सन्त, जन दरिया वन्दन करे, नमो नमो...
Read moreDetailsमैं हूँ तेरा ऐसा भिखारी, पड़ा रहूं बस तेरे द्वार, और कहाँ मैं जाऊं सांवरे, कौन करेगा ऐसे प्यार, मै...
Read moreDetailsमनवा ले सतगुरु की शरण, तिरण रो अवसर आयो रे।। शुभ कर्मा से मनुष्य तन पायो, अजब सोच मन में...
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