भुत बावजी इतिहास,
दोहा – मेवाड़ धरा सुरावीरा री,
निवण करूं बारंबार,
कण कण सु सुरा जन्मिया,
या धरती हे महान।
बेरी देख डरे नहीं,
पल मे भीड़ जाए,
बण नाहर रण में,
बेरी ने धूल चटाए,
वो सिसोदिया सिरदार।
बिजली कड़की ने अंबर गाजियो,
रण में शीश कटे खूना रा खेगाल,
केरिंग सिंह जी गजब चलाई तलवार,
रोबा रा ठाकर सिसोदिया सिरदार,
जगत ठाकर सिसोदिया सिरदार।।
मेवल धरती ने जगत गाँव रे,
सुरा निर्बल री रक्षा रो राखे ध्यान,
रोबा रा ठाकर सिसोदिया सिरदार,
जगत ठाकर सिसोदिया सिरदार,
ब्राह्मण री रक्षा में आयो वीर रे,
कमर कसिया खांडा दे तणकार,
रोबा रा ठाकर सिसोदिया सिरदार।।
डाकू मिलिया पिलादर गांव में,
टूटिया डाकू पे बण महाकाल,
रोबा रा ठाकर सिसोदिया सिरदार,
एकलो सुरों ने सैकड़ों वार रे,
आभूषण ज्यु लागे अंग पे घाव,
रोबा रा ठाकर सिसोदिया सिरदार।।
रण में सिसोदिया सूरज आतमियो,
वीरगति पाई नाथू सिंह रा लाल,
रोबा रा ठाकर सिसोदिया सिरदार,
लथपथ खून सु हाली आवियो,
दे खबर रोबा मे तजिया प्राण,
रोबा रा ठाकर सिसोदिया सिरदार।।
भनक पड़ी रे देवी सिंह कान में,
जामण जायो आयो रण में काम,
रोबा रा ठाकर सिसोदिया सिरदार,
अखियां लाल खंडो हाथ रे,
रजपूती रग में आयो रे उबाल,
रोबा रा ठाकर सिसोदिया सिरदार।।
बदलो लेवु रे गर्दन काट रे,
देवी सिंह जी चाल्या नठारा पाल,
रोबा रा ठाकर सिसोदिया सिरदार,
डाकू मारिया ने शीश ले साथ रे,
चांद घाटी में मिलिया भील हजार,
रोबा रा ठाकर सिसोदिया सिरदार।।
सुरा ने बचावण नगाड़ा वाजिया,
राजपूत सब दोडिया ले तलवार,
रोबा रा ठाकर सिसोदिया सिरदार,
सीस लेविने देवी सिंह आविया,
दियो पिताजी रे चरणों में डाल,
रोबा रा ठाकर सिसोदिया सिरदार।।
देव बणिने केरिंग आविया,
रोबा में बैठा बण अवतार,
रोबा रा ठाकर सिसोदिया सिरदार,
भूत बणिने हाली वर मांगीयो,
अन्नदाता थे मोटा ने मारो नहीं नाम,
रोबा रा ठाकर सिसोदिया सिरदार।।
हाली पे दाता कृपा आप री,
करता केरिंग थे भूत बाबा रो नाम,
रोबा रा ठाकुर सिसोदिया सिरदार,
धनसिंह दाता सेवामें आप री,
दिन थावर ने मनावे पुरो गांव रे,
रोबा रा ठाकर सिसोदिया सिरदार,
महिमा अनंत गावे आपरी,
केशु री कलम पे आप रो वास,
रोबा रा ठाकर सिसोदिया सिरदार।।
गायक – अनंत लोहार।
लेखक – केशव लाल लोहार।
9784293640