भावना तो भक्ति है भावना बलवान है भजन लिरिक्स

भावना तो भक्ति है भावना बलवान है भजन लिरिक्स
मुकेश बागड़ा भजनविविध भजन

भावना तो भक्ति है,
भावना बलवान है,
भावना से खेल ना रे,
भावना भगवान है,
भावना तो भक्ति हैं।bd।
bhawana to bhakti hai bhawana balwan hai



भावना से राम चौदह,

साल जंगल में रहे,
भावनावश कृष्ण राधे,
रानी के वश में रहे,
भावना से लिप्त होते,
भक्तिमय हनुमान है,
भक्तिमय हनुमान है,
भावना तो भक्ति हैं।bd।



भाव से बढ़कर जहाँ में,

दूजी ना सौगात है,
भावना से खेल करना,
दुष्ट की औकात है,
भावना से खेलता वो,
आदमी शैतान है,
आदमी शैतान है,
भावना तो भक्ति हैं।bd।



भावना ही कौरवों के,

नाश का कारण बनी,
वाल्मीकि की कलम से,
देखो रामायण बनी,
भावना के बिन अधूरा,
हर कोई इंसान है,
हर कोई इंसान है,
भावना तो भक्ति हैं।bd।



जैसी तेरी भावना है,

वैसा तू फल पाएगा,
‘हर्ष’ कांटे बोएगा तो,
कैसे कलियाँ पाएगा,
आदमी की जिंदगी में,
भावना प्रधान है,
भावना प्रधान है,
Bhajan Diary Lyrics,
भावना तो भक्ति हैं।bd।



भावना तो भक्ति है,

भावना बलवान है,
भावना से खेल ना रे,
भावना भगवान है,
भावना तो भक्ति हैं।bd।

Singer – Mukesh Bagda Ji


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