भाव के भूखे है मेरे,
श्याम गिरधारी,
प्रेम के वश में सदा,
रहते है बनवारी,
करो जो तन मन इन्हे अर्पण,
संवारेंगे प्रभु जीवन,
करो जो तन मन इन्हे अर्पण,
संवारेंगे प्रभु जीवन।bd।
तर्ज – लाल दुपट्टा उड़ गया।
धन दौलत किस काम की,
भक्ति ये भगवान की,
भक्ति में प्रभु देखते,
क्या नियत इंसान की,
मन में जो अभिमान हो,
कैसे प्रभु का ध्यान हो,
मोह माया छोड़ी नहीं,
कैसे सत्य का ज्ञान हो,
बालक सा जब, निश्छल होगा,
गंगा जल सा, निर्मल होगा,
अरे बरसेगी प्रभु प्रेम की,
तब ही बरखा भाई,
प्रेम के वश में सदा,
रहते है बनवारी,
करो जो तन मन इन्हे अर्पण,
संवारेंगे प्रभु जीवन,
करो जो तन मन इन्हे अर्पण,
संवारेंगे प्रभु जीवन।bd।
जप तप ना हो ना सही,
मन में प्रभु का ध्यान कर,
पाया है भगवान से,
सब कुछ तो फिर दान कर,
दुखियों का दुःख बाँट ले,
संतो का सम्मान कर,
सब जीवों से प्रेम कर,
खुद से बड़ों का मान कर,
जैसा तू बीज, लगाएगा,
वैसा ही फल तू, पाएगा,
शुभ कर्मो से महकेगी,
जीवन की फुलवारी,
प्रेम के वश में सदा,
रहते है बनवारी,
करो जो तन मन इन्हे अर्पण,
संवारेंगे प्रभु जीवन,
करो जो तन मन इन्हे अर्पण,
संवारेंगे प्रभु जीवन।bd।
भाव के भूखे है मेरे,
श्याम गिरधारी,
प्रेम के वश में सदा,
रहते है बनवारी,
करो जो तन मन इन्हे अर्पण,
संवारेंगे प्रभु जीवन,
करो जो तन मन इन्हे अर्पण,
संवारेंगे प्रभु जीवन।bd।
Singer – Mukesh Bagda Ji