भरत चले चित्रकूट हो रामा,
राम को मनाने,
राम को मनाने,
राम को मनाने,
भरत चले चित्रकुट हो रामा,
राम को मनाने।।
सुने महल है सुनी अटरिया,
सुने नगर है सुनी डगरिया,
सुने है बाग सुहाने हो रामा,
राम को मनाने,
भरत चले चित्रकुट हो रामा,
राम को मनाने।।
माँ कैकई का वचन मान के,
राम जी निकले इतना ठान के,
पहुंचेंगे कब हम ठिकाने हो रामा,
राम को मनाने,
भरत चले चित्रकुट हो रामा,
राम को मनाने।।
विनय करत है हाथ जोड़कर,
भैया राम जी के चरणों में पड़कर,
फिर भी प्रभु जी ना माने हो रामा,
राम को मनाने,
भरत चले चित्रकुट हो रामा,
राम को मनाने।।
भरत चले चित्रकूट हो रामा,
राम को मनाने,
राम को मनाने,
राम को मनाने,
भरत चले चित्रकुट हो रामा,
राम को मनाने।।
Singer – Dhiraj Kant Ji