भजले नाम गुरू का रे मनवा बीत रही है स्वाँसा

भजले नाम गुरू का रे मनवा बीत रही है स्वाँसा
गुरुदेव भजनफिल्मी तर्ज भजन

भजले नाम गुरू का रे मनवा,
बीत रही है स्वाँसा,
रात गई सुबहा आएगी,
आए न तेरी स्वाँसा।।

तर्ज – रुक जा रात ठहर जा रे चँदा।



करले जतन तू,

भव तरने का,
बीती जाए तेरी जवानी,
स्वाँस आखिरी,
जब आएगी,
पछिताएगा तब तू प्राणी,
भजलें नाम गुरू का रे मनवा,
बीत रही है स्वाँसा।।



आज मिला है,

नर तन तुझको,
शायद फिर ये कल न पाए,
एक एक कर ये,
स्वाँसे बीते,
फिर ये बापस आए न आए,
भजलें नाम गुरू का रे मनवा,
बीत रही है स्वाँसा।।



घरवालो के,

सुख की खातिर,
खो दी है तू ने जिन्दगानी,
अपनी खातिर,
कुछ न किया अब,
क्या ले जाएगा तू प्राणी,
भजलें नाम गुरू का रे मनवा,
बीत रही है स्वाँसा।।



भजले नाम गुरू का रे मनवा,

बीत रही है स्वाँसा,
रात गई सुबहा आएगी,
आए न तेरी स्वाँसा।।

– भजन लेखक एवं प्रेषक –
श्री शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923

वीडियो अभी उपलब्ध नहीं।


 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: कृपया प्ले स्टोर से भजन डायरी एप्प इंस्टाल करे