वीर शिरोमणि दुर्गादास राठौड़ राजस्थानी कथा लिरिक्स
वीर शिरोमणि दुर्गादास राठौड़ कथा, दोहा - आस करण करणोत सुत, निज कुल भान ऊजास, भंवर हुवो एडो नही, वाह...
वीर शिरोमणि दुर्गादास राठौड़ कथा, दोहा - आस करण करणोत सुत, निज कुल भान ऊजास, भंवर हुवो एडो नही, वाह...
ढोल बाजे रे मृदंग बाजे, म्हारा ओम बन्ना रा, म्हारा ओम बन्ना रा, मन्दिर माई ढोल बाजे, म्हारा ओम बन्ना...
ऐ दो जहाँ के मालिक, मेरी खता बता दे, चरणों दूर कान्हा, चरणों दूर कान्हा, तूने क्यों किया बता दे,...
मेरे बाबा भोले शंकर, देवों में सबसे ऊपर, तेरे गले मे सर्प बिराजे, बैठा नंदी के ऊपर, ओ सब घट...
महाकाल की बस्ती में, तकदीर मुझे ले चल।। उज्जैन में हर रंग के, दीवाने मिलेंगे, आपस में बड़े प्यार से,...
सुन सुन रे म्हारा प्यारा नन्दलाला, बागा रो मोरियो बनाय दीजे, मंदिरिया में म्हाने नचाय लीजे, मंदरिया में म्हाने नचाय...
गोबिन्द थे छो दयानिधाण़, झोळी भर द्यो भिच्छुक जाण़, राखो घर आयां को माण़, मैं सुणावूं बिण़ती, सुणावूं बिण़ती, मैं...
श्री कोटड़ी श्याम चारभुजा चालीसा लिरिक्स, दोहा - छैल छबीले श्याम की, शोभा बड़ी अनूप, रूप राशी वे गुण सदन,...
खेतेश्वर खेड़ा में जनमिया, थाल सोना रो बाजन लागो। दोहा - गाँव खेड़ा के मायने, ने जन्म हुवो एक जोर,...
खम्मा रामापीर थाने, खम्मा रामापीर, जय हो रामापीर थाने, जय हो रामापीर, द्वारिका रूनीचा माई, द्वारिका रूनीचा माई, तेरा ही...
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