अण घड़ीया देवा कोई नहीं करे थारी सेवा लिरिक्स

अण घड़ीया देवा,
कोई नहीं करे थारी सेवा।।



घड़े हूए देवता ने,

सब कोई पूजे,
नित नित करता सेवा,
पूरण ब्रहम आप,
अखंडीत स्वामि,
जीण रा नहीं जाणे घैवा,
अण घड़ीया देवां,
कोई नहीं करे थारी सेवा।।



ब्रहमा विष्णू महेश्व कहीजै,

ईनके लागी कोई,
ईनके भरोसे कोई मत रहणा,
ईण नहीं मूक्ति पाई,
अण घड़ीया देवां,
कोई नहीं करे थारी सेवा।।



दश अवतार ले नीरजन कहीये,

वो अपणा नहीं होइ,
आपो आप री करनी ने भोगे,
सतगूरू मोहे ओलखाई,
अण घड़ीया देवां,
कोई नहीं करे थारी सेवा।।



जती सती ने संत संयाशी,

आपो आप में लड़ीया,
कहे कबीरा सूनो भाई साधू,
सब्द स्वरूपी होए तरीया,
अण घड़ीया देवां,
कोई नहीं करे थारी सेवा।।



अण घड़ीया देवा,

कोई नहीं करे थारी सेवा।।

गायक – बाबू लाल खूडाणी।
प्रेषक – देव चंद मठाराणी।
7568430081


By Shekhar Mourya

Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *