आरती री बेला पधारो सायल लिरिक्स

आरती री बेला पधारो सायल लिरिक्स
राजस्थानी भजन

आरती री बेला पधारो,
अजमाल रा दर्शन री बलिहारी,
ओ बाबा निकलंक नेजा धारी,
ओ बाबा जे।।



लीला तो करड़ा घोडला कंवार रे,

बाग़ भली सिण गारी,
लीले घोड़े कियो हरनाटो,
आप होया असवारी ओ जे।।



नगर नाराणे सू रिणसी पधारया,

खींव रिख आगीवाणी,
नीमो पानो रा करवत हेरिया,
दूधों नदियां हलाणी ओ जे।।



गढ़ रे रुणेचे सू रामदेव पधारया,

डाली बाई आगीवाणी,
माता मैणादे करे ओ आरती,
भर मोतियों गज थाळी ओ जे।।



मेवा रे नगर सू रावळ मालदे पधारया,

धारू रिख आगीवाणी,
राणी रूपादे करे ओ आरती,
भर मोतियों गज थाळी ओ जे।।



कच्छ भुज सू जैसल तोलादे पधारया,

सन्त बड़ा मिणधारी,
कड़वा नीर मीठा कर दीना,
वा तोळन कठियाणी ओ जे।।



नितरी दौलत बंटे देवरे,

रिव उगे प्रभाती,
बुधर रिखियो भजन में बोले,
राखो कलम हमारी ओ जे।।



आरती री बेला पधारो,

अजमाल रा दर्शन री बलिहारी,
ओ बाबा निकलंक नेजा धारी,
ओ बाबा जे।।

गायक – हेमराज पंवार।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052


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