मनवा समय बड़ा बलवान,
दोहा – समय समय की बात जगत में,
समय बड़ा बलकारी,
एक समय में राजा हो,
एक समय में भिखारी।
मनवा समय बड़ा बलवान,
राजा बण जाए रंक भिखारी,
रंक बणे धनवान,
मनवा समय बडा बलवान।।
बड़े बड़े अहंकारी गूंजे,
मिटग्या नामो निशान,
गया सिकन्दर हाथ पसारे रे,
निकल गया जब प्राण,
मनवा समय बडा बलवान।।
रावण और अहिरावण मर गये,
इतना किया गुमान,
सोने की लंका नगरी भी,
हो गई धूल समान,
मनवा समय बडा बलवान।।
कंस और हिरणाकुश बह गये,
जब आया तूफान,
वीर बादशाह और बजीरी,
का नही कोई निदान,
मनवा समय बडा बलवान।।
जिसने वक्त की कदर ना जानी,
वो नर मुर्ख इन्सान,
समय के संग जो चले सम्भल के,
वो नर चतुर सुजान,
मनवा समय बडा बलवान।।
आवागमन मिटाले बंदा,
हरी का कर गुणगान,
मदन रटे जो सांस सांस में,
मिले उसे भगवान,
मनवा समय बडा बलवान।।
गायक – सुनील जी छिम्पा धन्नासर।
लेखक – मदन जी पेन्टर रावतसर।
प्रेषक – समुन्द्र चेलासरी।
मो – 8107115329








