आज तो सैया ए,
भलो दिन उग्यो।
दोहा – गुरु बड़े परमार्थी,
घन ज्यूं बर्षै आए,
तपत बुझादे जीव का,
अपनो पारस लाए।
तपस्या वर्ष हजार की,
सत्संग की पल एक,
तो भी बराबर ना तूलै,
कवी सुखदेव किया विवेक।
आज तो सैया ए,
भलो दिन उग्यो,
म्हारा सतगुरु,
श्याम घर आया सा।।
गुरु है विधाता,
मुक्ती का दाता,
घर बैठया दर्शन पाया सा,
आज तो संईया ए,
भलो दिन उग्यो,
म्हारा सतगुरु,
श्याम घर आया सा।।
नीज अन्तरज्ञानी,
कृपा करो स्वामी,
ज्ञान बालद भर लाया सा,
आज तो संईया ए,
भलो दिन उग्यो,
म्हारा सतगुरु,
श्याम घर आया सा।।
कर युक्ती म्हाने,
मुक्ति बताई,
म्हारा अविद्या बन्धन काटया सा,
आज तो संईया ए,
भलो दिन उग्यो,
म्हारा सतगुरु,
श्याम घर आया सा।।
भयो प्रकाश,
मलूक है आकाश,
सतगुरु जी समझाया सा,
आज तो संईया ए,
भलो दिन उग्यो,
म्हारा सतगुरु,
श्याम घर आया सा।।
आज तो संईया ए,
भलो दिन उग्यो,
म्हारा सतगुरु,
श्याम घर आया सा।।
गायक – समुन्द्र चेलासरी।
मो – 8107115329








