मेरे तो चढ गई माँ,
रोम रोम तेरी मस्ती,
ऐसी कृपा करी आप ने,
बन गई मेरी हस्ती।।
तू तो है बड़ी भोली भाली,
मंईयां शेरा वाली,
लोटा ना कोई तेरे दर से,
लेकर झोली खाली,
हो राजा या कोई भीखारी,
तेरी रहमत सब पे बरसती,
मेरे तो चढ गईं मां,
रोम रोम तेरी मस्ती।।
कहीं पे ज्वाला कही कालका,
कही वैष्णो रानी,
अलग अलग नौ रुप तुम्हारे,
दुर्गे मात भवानी,
तेरे दर्शन पाने को माँ,
उमड उठी हर बस्ती,
मेरे तो चढ गईं मां,
रोम रोम तेरी मस्ती।।
अपरम्पार हे तेरी माया,
भेद नहीं कोई पाया,
ऋषि मुनि योगी संतों ने,
डट कर ध्यान लगाया,
तेरी एक झलक पाने को,
सब की आख तरस्ती,
मेरे तो चढ गईं मां,
रोम रोम तेरी मस्ती।।
सुरेन्द्र सिंह निठौरा वाला,
लेकर अरजी आया,
मुझ को भी अपने भक्तो में,
शामिल कर महा माया,
लता मगन माँ तेरे भजन में,
पार लग़ा मेरी कश्ती,
मेरे तो चढ गईं मां,
रोम रोम तेरी मस्ती।।
मेरे तो चढ गई माँ,
रोम रोम तेरी मस्ती,
ऐसी कृपा करी आप ने,
बन गई मेरी हस्ती।।
स्वर – लता कश्यप।
लेखक – सुरेन्द्र सिंह निठौरा।
9999641853