दूर खेलन मत,
जईयो मोरी दुर्गा,
पैरो में पड़ जाये,
छाले हो मॉ,
अरे कहा गयो मैया,
वीर लाड़लों,
कहा गयो भयो,
प्यारो हो माँ।।
अरे रस्ता चलत मिलो,
सोनड़ी को लड़को,
वो तो खड़ो तारो,
लाडलो मोरी माँ,
अरे सोनरी को बेटा,
ना हट हो मानी,
हरवा की बालन,
लायो मोरी माँ।।
अरे रस्ता चलत मिलो,
लोहरण को बेटो,
वो तो खड़ो तारो,
लाडलो मोरी माँ,
अरे लोहरण को बेटा,
हट हो मानी,
कुम्हरण की बालन,
लायो मोरी माँ।।
हो पाँच भगत मिल,
तोरे जस गावे,
चरणो में शीश,
झुकावे हो माँ।।
दूर खेलन मत,
जईयो मोरी दुर्गा,
पैरो में पड़ जाये,
छाले हो मॉ,
अरे कहा गयो मैया,
वीर लाड़लों,
कहा गयो भयो,
प्यारो हो माँ।।
गायक – धर्मेन्द्र राजपूत।
प्रेषक – सोभित बंजारा।
9399772506