मैं शरण आप की आया हूँ,
मेरे बाबा गले लगा लेना,
जो गर्दीश सर पे छाई है,
तुम इस को दूर हटा देना।।
इस रंग बदलती दुनिया में,
कोई भी मेरा साथी ना,
हर ओर अंधेरा छाया है,
मुझे नजर रोशनी आती ना,
तुम हाथ थाम लो अब मेरा,
और परली पार लगा दैना,
जो गर्दीश सर पे छाईं है,
तुम इस को दुर हटा दैना।।
यहाँ हर एक चेहरा नकली है,
कोई सच्चा साहुकार नहीं,
यहाँ पैसों से सब प्यार करे,
रिश्तों से किसी को प्यार नहीं,
ये चिंता मुझे रूलाती है,
मेरे बाबा इसे मिटा दैना,
जो गर्दीश सर पे छाईं है,
तुम इस को दूर हटा दैना।।
तेरे कर्म का बाबा क्या कहना,
तू पल से पल में क्या कर दे,
तू चाहे तो राई पर्वत,
ओर पर्वत को राई कर दे,
मुझ खाखसार के उपर भी,
एक नजर महर की कर दैना,
जो गर्दीश सर पे छाईं है,
तुम इस को दूर हटा दैना।।
तू दाता ओर मैं भीखारी हूँ,
मेरे दामन में खुशियाँ भर दे,
अब अंत कहुँ मैं क्या तुम से,
तू जो चाहे मुझ को वर दे,
मैं सुरेन्द्र सिंह तेरे द्वार खड़ा,
बाबा जी साथ निभाना दैना,
जो गर्दीश सर पे छाईं है,
तुम इस को दूर हटा दैना।।
मैं शरण आप की आया हूँ,
मेरे बाबा गले लगा लेना,
जो गर्दीश सर पे छाई है,
तुम इस को दूर हटा देना।।
गायक – सुरेन्द्र सिंह निठौरा।
9999641853