श्याम बिहारी थाने झुलावा,
झूलो रेशम डोर को।
दोहा – सावन बरसन लाग्यों,
खाटू में लगी है कतार,
भगत झुलावण ने आया,
म्हारा झूलो लखदातार,
म्हारा झूलो लखदातार।
श्याम बिहारी थाने झुलावा,
झूलो रेशम डोर को,
थे झूलो खाटू का राजा,
सावन मस्त बहार को,
सावन मस्त बहार को।bd।
दादुर मोर पपीहा बोले,
कोयल मीठा शोर करे,
काली अंधेरी घटाएं छाई,
इंद्र देव भी गर्ज करे,
ठंडी ठंडी पवन चले है,
मेहुडो बरसे जोर को,
थे झूलो खाटू का राजा,
सावन मस्त बहार को,
सावन मस्त बहार को।bd।
खूब सज्यो दरबार श्याम को,
मंदिर की छवि प्यारी है,
तोरण द्वार से निज मंदिर तक,
भक्ता की टोली भारी है,
सगळा भगत झुलावन आया,
भगता को मान राख लो,
थे झूलो खाटू का राजा,
सावन मस्त बहार को,
सावन मस्त बहार को।bd।
चंदन की चौकी बनवाई,
रेशम डोर बंधाई है,
तरह तरह के फूलों से,
झूला की डोरी सजाई है,
झूलन बैठो श्याम धनी,
मचोलो बाबा झूलन को,
थे झूलो खाटू का राजा,
सावन मस्त बहार को,
सावन मस्त बहार को।bd।
सारा प्रेमी तड़प रहा है,
सावन में खाटू आवन को,
अर्ज करे ‘रविंदर’ बाबा,
मोको दे दो झुलावन को,
होले होले खूब झुलावा,
झूलन का शौकीन हो,
थे झूलो खाटू का राजा,
सावन मस्त बहार को,
सावन मस्त बहार को।bd।
श्याम बिहारी थानें झुलावा,
झूलो रेशम डोर को,
थे झूलो खाटू का राजा,
सावन मस्त बहार को,
सावन मस्त बहार को।bd।
Singer & Lyrics – Ravindra Sen