कैसे कह दूँ सांवरिया,
मेरी सुनता नहीं अरदास है,
जब भी गमों ने घेरा,
मैंने पाया अपने पास है।।
तर्ज – क्या मिलिए ऐसे।
सुख दुःख दोनों कर्म के पहलू,
इससे बच ना सका कोई,
दोनों पल में साथ सांवरा,
इनसे बड़ा ना सगा कोई,
भटकूं जो मुश्किल राहों में,
थामेगा विश्वास है,
जब भी गमों ने घेरा,
मैंने पाया अपने पास है।।
माँ के जैसे ही ये मुझपे,
अपना प्यार लुटाता है,
बाबुल के जैसे ही मेरे,
सर पे हाथ फराता है,
मेरा और मेरे श्याम का प्यारे,
रिश्ता बड़ा ही खास है,
जब भी गमों ने घेरा,
मैंने पाया अपने पास है।।
ज्यादा मिले मिले या थोड़ा,
हर पल श्याम का शुक्राना,
‘रसिक’ श्याम से अर्जी मेरी,
जीवन भर ना बिसराना,
अंतिम समय में मिलन हो मेरा,
इतनी सी बस आस है,
जब भी गमों ने घेरा,
मैंने पाया अपने पास है।।
कैसे कह दूँ सांवरिया,
मेरी सुनता नहीं अरदास है,
जब भी गमों ने घेरा,
मैंने पाया अपने पास है।।
देखें – सांवरा जब मेरे साथ है।
Singer – Cs Preeti Aggarwal
Lyrics – Rinku Sharma ‘Rasik’