घुड़लो मोड़ दो सावरियाँ, 
थारो भगता री ओर, 
थारा टाबरिया बुलावे बाबा, 
आवो म्हारी ओर।।
खेचलो नकेल थारे, 
घोड़ले री सावराँ, 
कोई ढीला छोड्या थाने,
लेजासी कथे ओर, 
थारा टाबरिया बुलावे बाबा, 
आवो म्हारी ओर।।
म्हे कद स्यू अरजी किन्ही, 
थे नही सुन्या सावराँ, 
कोई अरजी पढ़के बाबा, 
करल्यो थोरो गोर,
थारा टाबरिया बुलावे बाबा, 
आवो म्हारी ओर।।
बैठ दूरी पर बाबा, 
म्हे थारी बाट उड़िका हा, 
म्हारे घरा कैया आवण, 
बाबा लागे थाने जोर,
थारा टाबरिया बुलावे बाबा, 
आवो म्हारी ओर।।
सभी केवे यो प्रेमरो नातो, 
बाबा थे मत तोरो ना, 
कोई प्रीत रे बंधनरी, 
बाबा कसके पकड़ो डोर,
थारा टाबरिया बुलावे बाबा, 
आवो म्हारी ओर।।
घुड़लो मोड़ दो सावरियाँ, 
थारो भगता री ओर, 
थारा टाबरिया बुलावे बाबा, 
आवो म्हारी ओर।।
भजन प्रेषक एवं गायक
रोहित कुमार शर्मा
08399991281
https://youtu.be/WYMdPmFqjKo
			






