तुमसे रोशन है ये जिन्दगी,
बाबोसा मेरी,
हो बाबोसा मेरी,
छुटे न कभी ये बन्दगी,
बाबोसा तेरी,
हा बाबोसा तेरी।।
तर्ज – तुझसे नाराज नही।
मैंने ये कभी सोचा ही नही,
सपने अपने होंगे,
अँखियों से ये कभी ओझल,
बाबोसा होने न दोगे,
तुमको पाया तो ऐसा लगता है,
कोई भी डर न मुझको लगता है।।
जिंदगी में तुमने बाबोसा मेरी,
खुशियो के फूल खिलाये,
राहो में मेरी बिखरे हुए,
गम के कांटे हटाये,
स्वार्थ भरी इस दुनिया से बाबोसा,
तुमने ही बचाके रखा है।।
श्री बाबोसा से बाईसा ने,
हमको है मिलवाया,
जन्मोजन्म का ये रिस्ता,
पलभर में बनवाया,
‘दिलबर’ कहे बाबोसा तुम्हे,
अपने दिल मे बसाके रखा है।।
तुमसे रोशन है ये जिन्दगी,
बाबोसा मेरी,
हो बाबोसा मेरी,
छुटे न कभी ये बन्दगी,
बाबोसा तेरी,
हा बाबोसा तेरी।।
गायक – श्री हर्ष व्यास मुम्बई।
( म्यूजिक डायरेक्टर एवम कंपोजर )
मो . 9820947184
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365