थारो सिंगार प्यारो लाग रियो मारी जगदम्बा

थारो सिंगार प्यारो लाग रियो मारी जगदम्बा
राजस्थानी भजन

थारो सिंगार प्यारो लाग रियो,
री मारी जगदम्बा,
तारो सिंगार प्यारो लाग रियो।।



शीश पे मैया तारे चुनर सोवे,

माथा पे टिकलो,
तारे सोवे री मारी माँ मारी जगदम्बा,
मारी जगदम्बा,
तारो सिंगार प्यारो लाग रियो।।



नाक में मैया तारे नथडी सोवे,

काना मे कुण्डल तारे सोवे री,
मारी जगदम्बा,
तारो सिंगार प्यारो लाग रियो।।



हाथा मे मैया तारे चुडलो सोवे,

पावा मे पायल तारे सोवे री मारी माँ,
मारी जगदम्बा,
तारो सिंगार प्यारो लाग रियो।।



आंख्या में मैया तारे सूरमो सोवे,

गल बैजन्ती माला सोवे मारी माँ,
मारी जगदम्बा,
तारो सिंगार प्यारो लाग रियो।।



थारो सिंगार प्यारो लाग रियो,

री मारी जगदम्बा,
तारो सिंगार प्यारो लाग रियो।।

प्रेषक – महावीर मीणा
9983873700


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