तेरी महफिल में गुनगुनाने से दोस्ती हो गई मुझ दीवाने से लिरिक्स

तेरी महफिल में गुनगुनाने से,
दोस्ती हो गई मुझ दीवाने से,
तेरी महफ़िल में गुनगुनाने से,
दोस्ती हो गई मुझ दीवाने से।।



मुझे अपना के छोड़ मत देना,

डर मुझे लगता है रूठ जाने से,
दोस्ती हो गई मुझ दीवाने से,
तेरी महफ़िल में गुनगुनाने से,
दोस्ती हो गई मुझ दीवाने से।।



तेरी चौखट को चूमता ही रहूं,

ना हटू गैर के हटाने से,
दोस्ती हो गई मुझ दीवाने से,
तेरी महफ़िल में गुनगुनाने से,
दोस्ती हो गई मुझ दीवाने से।।



मुझे मदहोश बना ही डाला,

जब से आया मैं तेरे मयखाने से,
दोस्ती हो गई मुझ दीवाने से,
तेरी महफ़िल में गुनगुनाने से,
दोस्ती हो गई मुझ दीवाने से।।



मेरी जुबां पर जिक्र तेरा रहे,

बेफिकर हो गया मैं अब मर जाने से,
दोस्ती हो गई मुझ दीवाने से,
तेरी महफ़िल में गुनगुनाने से,
दोस्ती हो गई मुझ दीवाने से।।



मिल गई मंजिले सफर मुझको,

तेरे कदमों में सर झुकाने से,
दोस्ती हो गई मुझ दीवाने से,
तेरी महफ़िल में गुनगुनाने से,
दोस्ती हो गई मुझ दीवाने से।।



मिला है तोहफा हमको पागल का,

चित्र विचित्र की गजल गाने से,
दोस्ती हो गई मुझ दीवाने से,
Bhajan Diary Lyrics,
तेरी महफ़िल में गुनगुनाने से,
दोस्ती हो गई मुझ दीवाने से।।



तेरी महफिल में गुनगुनाने से,

दोस्ती हो गई मुझ दीवाने से,
तेरी महफ़िल में गुनगुनाने से,
दोस्ती हो गई मुझ दीवाने से।।

स्वर – श्री चित्र विचित्र जी महाराज।
प्रेषक – शेखर चौधरी।
मो – 9754032472


By Shekhar Mourya

Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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