तेरे दर ना आ पाए कैसी लाचारी है भजन लिरिक्स

तेरे दर ना आ पाए कैसी लाचारी है भजन लिरिक्स
कृष्ण भजनफिल्मी तर्ज भजन

तेरे दर ना आ पाए,
कैसी लाचारी है,
इस जग में फैली है,
कैसी महामारी है।।

तर्ज – होंठों से छू लो।



क्यों देख रहा है तू,

बच्चो को बिलखते हुए,
उम्मीद भरी नजरे,
कहती है छलकते हुए,
लहरा दे मोरछड़ी,
जो संकट हारी है,
तेरे दर ना आ पाएं,
कैसी लाचारी है।।



कैसे तुझे भाता है,

तेरा सुना आँगन,
क्यों तुझको नहीं खलता,
बाबा ये अकेलापन,
तेरे होते हुए बाबा,
क्यों भगत दुखारी है,
तेरे दर ना आ पाएं,
कैसी लाचारी है।।



जो हमसे हुई गलती,

उसे माफ़ करो देवा,
खोलो अब दरवाजा,
करने दो हमे सेवा,
‘राशि’ कहे बाबा,
तेरी महिमा भारी है,
तेरे दर ना आ पाएं,
कैसी लाचारी है।।



तेरे दर ना आ पाए,

कैसी लाचारी है,
इस जग में फैली है,
कैसी महामारी है।।

Singer – Rashi Paatni


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: कृपया प्ले स्टोर से भजन डायरी एप्प इंस्टाल करे