तेरा भोग री दे दयू गा,
मां काली शमशान में,
मां काली शमशान म,
मां काली शमशान म,
तेरा लाड़ला बैठया स,
मां तेरे ध्यान म।।
तर्ज – मेरे प्यार को तुम।
दरबार सजया तेरा,
मां होया ज्योति का प्रकाश,
मेरे मन म री मैया,
बस तेरे दर्शन की आश,
तू कदसी आवैगी,
मां मेरे मकान म,
तेरा लाड़ला बैठया स,
मां तेरे ध्यान म।।
यू संकट स मोटा,
ना काबू का मेरा,
तू झूम क आजा न,
दरबार म ला फेरा,
तेरी हो रही जय जयकार,
सारे जहान म,
तेरा लाड़ला बैठया स,
मां तेरे ध्यान म।।
तेरे आणे की खुशी म,
मै दुनियां भुला दयुगा,
तू जो मांगैगी मां,
तेरा कहण पुंगा दयुगा,
मैं खुद बिछ जाऊंगा,
मां तेरी श्यान म,
तेरा लाड़ला बैठया स,
मां तेरे ध्यान म।।
गुरु राजेन्द्र की भी,
मां नैया पार तिरादे न,
सुनील लदानियां के,
दो मीठे बोल सुनादे न,
यू फिरै भटकता री,
सुर ताल के ज्ञान म,
तेरा लाड़ला बैठया स,
मां तेरे ध्यान म।।
तेरा भोग री दे दयू गा,
मां काली शमशान में,
मां काली शमशान म,
मां काली शमशान म,
तेरा लाड़ला बैठया स,
मां तेरे ध्यान म।।
गायक & लेखक – सुनील कुमार लदानियां।
99961-23336








