सावन के महीने में,
नजर मत आना,
तेरा बाबू हो गया,
महाकाल का दीवाना।।
अकाल मृत्यु वो मरे जो,
काम करें चांडाल का,
काल भी उसका क्या करे,
जो भक्त हो महाकाल का।।
खुशबू तो आ रही है,
गाजे और भांग की,
खिड़की खुली रह गई शायद,
महाकाल दरबार की।।
मौत का डर उनको लगता,
जिनके कर्मों में दाग़ है,
हम महाकाल के भक्त है,
हमारे खून में भी आग है।।
सावन सावन मे तो,
कावड़ यात्रा में जाऊं,
महाकाल के जाकर में तो,
कावड़ चढ़ाऊ।।
ना शोहरत का घमंड,
ना ही दौलत का घमंड है,
महाकाल का भक्त हूं,
इस बात का घमंड है।।
महाकाल ओ बाबा तेरे,
शौक निराले है,
कहि गांजा कहि चिलम,
कहि विश के प्याले है।।
सावन के महीने में,
नजर मत आना,
तेरा बाबू हो गया,
महाकाल का दीवाना।।
गायक – अविनाश योगी।
प्रेषक – मनोज कुमार लोदवाल।
9694644257