ताड़केश्वर का सुमिरन करो,
महाकाल का चिंतन करो,
दुखड़ो को हर लेगा भोलानाथ ये,
खाली झोली भर देगा भोलानाथ ये।।
तर्ज – आने से उसके आए बहार।
ताड़केश्वर के दर पे,
जो भी आकर के शीश झुकाए,
बाबा बड़ा है दयालु,
ये तो पल में ही मोहित हो जाए,
सुन लेगा अर्जी तेरी,
बड़ा महादानी है भोलानाथ ये,
बड़ा महादानी है भोलानाथ ये।।
भोलेनाथ की महिमा,
का पार किसी ने ना पाया,
‘अभिषेक’ कहे बाबा को,
मैं जो कुछ भी तुमने बनाया,
भोला है शंकर बड़ा,
और जटाधारी है भोलानाथ ये,
और जटाधारी है भोलानाथ ये।।
गौरी से ब्याह किया और,
वो तो गौरीशंकर कहाए,
अमृत पिया देवो ने,
विष पीने की बारी जो आए,
स्मरण किया भोले का,
विष को भी पी जाए भोलानाथ ये,
विष को भी पी जाए भोलानाथ ये।।
ताड़केश्वर का सुमिरन करो,
महाकाल का चिंतन करो,
दुखड़ो को हर लेगा भोलानाथ ये,
खाली झोली भर देगा भोलानाथ ये।।
– गायक एवं लेखक –
अभिषेक शर्मा 9782746976
 
			








 
 
bhut hi bhadiya collection hai bhai bhajans ka