शिव शंकर डमरू वाले,
दुनिया के हो रखवाले,
मैं ध्यान लगाऊं तेरा,
ओ बिगड़ी बनाने वाले,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय।।
तर्ज – तुझे सूरज कहूं या चंदा।
तुम भूतों के हो स्वामी,
शमसानों में वास तुम्हारा,
तेरी जटा से बहती हरदम,
पावन गंगा की धारा,
मस्तक पर चंदा चमके,
गले सर्पों की माला डाले,
मैं ध्यान लगाऊं तेरा,
ओ बिगड़ी बनाने वाले,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय।bd।
तेरे हाथों में त्रिशूल सोहे,
बाबा बाघम्बर धारी,
तन पे हो भस्म रमाए,
ओ नंदी के असवारी,
दुनिया की रक्षा खातिर,
पीते तुम विष के प्याले,
मैं ध्यान लगाऊं तेरा,
ओ बिगड़ी बनाने वाले,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय।bd।
हे तीन नयन वाले तुम,
नित भांग धतूरा खाते,
और ध्यान लगाकर के तुम,
धूनी हरदम हो लगाते,
सबका ही संकट हरते,
बाबा तुम भोले भाले,
मैं ध्यान लगाऊं तेरा,
ओ बिगड़ी बनाने वाले,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय।bd।
हे कैलाशी अविनाशी,
करता हूं तेरा वंदन,
जो कुछ भी पास है मेरे,
करता हूं तुझको अर्पण,
“कमला” मैं अपना जीवन,
कर दूं अब तेरे हवाले,
मैं ध्यान लगाऊं तेरा,
ओ बिगड़ी बनाने वाले,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय।bd।
शिव शंकर डमरू वाले,
दुनिया के हो रखवाले,
मैं ध्यान लगाऊं तेरा,
ओ बिगड़ी बनाने वाले,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो,
ॐ नमः शिवाय।।
स्वर – खुशबु राधा।
लेखक – राहुल शर्मा “कमला” बराकर।
पश्चिम बंगाल – 8637836102