सतसंग की है रात भोलेनाथ को रिझाना है भजन लिरिक्स

सतसंग की है रात भोलेनाथ को रिझाना है भजन लिरिक्स
राजस्थानी भजन

सतसंग की है रात,
भोलेनाथ को रिझाना है,
कीर्तन की है रात,
भोलेनाथ को मनाना है,
शिवशक्ति को रिझाना है,
सतसंग की हैं रात।।



तासोल गाँव में नाथ,

है बडी़ निराली बात,
नर्मदेश्वर धाम बना,
होता मड शक्ति साथ,
है परचा हाथो हाथ,
जो भी गा चरण पडा,
किरपा की बरसात,
किरपा की बरसात,
करके दर्श दिखाना है,
भोलेनाथ को मनाना है,
सतसंग की हैं रात।।



जो आया सवाली,

वो जाये न खाली,
प्रभु घट ग्यान भरो,
बम बम बोली,
भगतो की आ टोली,
भोले बाबा महर करो,
जोडे दोनु हाथ,
जोड़े दोनु हाथ,
दाता आपके गुण गाना,
भोलेनाथ को मनाना है,
सतसंग की हैं रात।।



कालो के हो महाकाल,

भगतो को करो निहाल,
प्रभु मती देर करो,
आधी अनादी दाता,
चरणो में जग आता,
भोले बाबा कष्ट हरो,
ऐसे दीनानाथ,
ऐसे दीनानाथ,
एक आसरा जो पाना है,
भोलेनाथ को मनाना है,
सतसंग की हैं रात।।



यु मोईनुद्दीन भोले,

चरणो मे गुण गाता,
प्रभु तुम दया करो,
नानु पंडित दाता,
चरणो में चित लाता,
मेरी खाली झोली भरो,
भाव भक्ति का,
भाव भक्ति का,
हमको आनंद उठाना है,
भोलेनाथ को मनाना है,
सतसंग की हैं रात।।



सतसंग की है रात,

भोलेनाथ को रिझाना है,
कीर्तन की है रात,
भोलेनाथ को मनाना है,
शिवशक्ति को रिझाना है,
सतसंग की हैं रात।।

गायक – मोईनुद्दीन जी मनचला।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818


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