माला फेरे सुरमो सारे,
थारो जिउनो है बेकार रे,
सतगुरुसा बिना,
झूठो रे सिंगार रे।।
बिना सतगुरुसा रे घोर अँधेरा,
जैसे विधवा नार,
राम नाम ज्योरा हृदय नहीं रे,
किणविद उतरे पार रे,
सत गुरुसा बिना,
सायब रे बिना,
झूठो रे सिंगार रे।।
रामजी नाम तो सुकदेव भजिया,
भजिया दिन और रात,
वैकुंठसु पाचा भेजिया थेतो,
लियो कोनी गुरुसा रो नाम रे,
सत गुरुसा बिना,
सायब रे बिना,
झूठो रे सिंगार रे।।
पतिव्रता तो उणने ही कहिए,
जो दर्शन री बलिहार,
चरन पखारत अहिल्या तीर गई,
हो गई भवजल पार रे,
सत गुरुसा बिना,
सायब रे बिना,
झूठो रे सिंगार रे।।
श्याम रा नाम त,
मीरा बाई जपिया,
तज दिया घर और बार,
रविदास गुरु पूरा मिल्या,
थारो अमर जुड़ो सिंगार रे,
सत गुरुसा बिना,
सायब रे बिना,
झूठो रे सिंगार रे।।
माला फेरे सुरमो सारे,
थारो जिउनो है बेकार रे,
सतगुरुसा बिना,
झूठो रे सिंगार रे।।
Singer – Mahendra Singh Rathore
Upload By – Ravindra Goswami
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