सांवली सूरत जो तेरी देखि,
दीवाना तेरा मैं हो गया,
खाटू मैं आया तो श्याम बाबा,
ये जादू तेरा चल गया।।
तर्ज – गुलाबी आँखे जो तेरी।
दिल में मेरे मूरत तेरी,
सपने है आँखों में ओ सांवरे,
बाबा तेरा मैं जो हुआ,
आता है चेहरा तेरा सामने,
तू मिल गया आके खाटू में भला,
मन को श्याम तू भा गया,
मैं कहि खो सा गया,
श्याम ये जादू भोली सूरत,
ना जाने क्या मुझको कर गया,
सांवली सुरत जो तेरी देखि,
दीवाना तेरा मैं हो गया।।
मैंने सदा चाहा यही,
मन में बसा लू तुझे सांवरे,
तेरा ये दर जो पा लिया,
आता रहूँगा मैं अब सांवरे,
बाबा मेरी मिल गयी तुझसे नजर,
मिल गया जो तेरा दर,
रख ले चरणों मैं मगर,
जरा सा हँस के जो तुने देखा,
मैं तेरा बाबा हो गया,
सांवली सुरत जो तेरी देखि,
दीवाना तेरा मैं हो गया।।
दर-दर पे मैं भटका मगर,
मंजिल मिली आके खाटू में रे,
सुनले मेरी अरजी प्रभु,
गाता रहु बाबा गीत तेरे,
श्याम मेरी सांसो में तू ही बसा,
लब पे नाम इक तेरा,
सुन ले श्याम ये माजरा,
गले से लगा के जो तुने बाबा,
यूं अपना मुझको कर दिया,
सांवली सुरत जो तेरी देखि,
दीवाना तेरा मैं हो गया।।
सांवली सूरत जो तेरी देखि,
दीवाना तेरा मैं हो गया,
खाटू मैं आया तो श्याम बाबा,
ये जादू तेरा चल गया।।
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