लाल लंगोटा हाथ में घोटा,
है वो बजरंगबाला,
रूप में जिनके हमको मिला है,
माँ छगनी का लाला हो,
जिनका रूप है निराला,
बाबोसा चूरू वाला।।
तर्ज – कान में झुमका।
रूप है बालाजी जैसा,
जिन्हें कहती दुनिया बाबोसा,
कलयुग का अवतारी,
दानी दातार है,
शिश मुकुट मन को मोहे,
हाथ मे घोटा है सोहे,
तन केशरिया बागा,
लीले असवार है,
सूरत प्यारी जाऊँ वारी,
बलिहारी,
है सुंदर मुखडा जिनका,
नेंन मतवारे हाँ,
बालाजी के संग बाबोसा,
घर घर करे उजाला,
रूप में जिनके हमको मिला है,
माँ छगनी का लाला हो,
जिनका रूप हैं निराला,
बाबोसा चूरू वाला।।
दुनिया इनकी दीवानी है,
हर जुबा पे इनकी कहानी है,
दानी दयालु दाता,
बड़ा दिलदार है,
दीन दुखी का सहारा है,
भक्तो का ये दुलारा है,
भक्तो पे अपने हरपल,
प्यार लुटाता है,
करता कृपा की,
ये नजरिया ले खबरिया,
देखो माँ छगनी का राजदुलारा,
हनुमान सँग बाबोसा भी,
जपे राम की माला,
जिनके रूप में,
हमको मिला है,
माँ छगनी का लाला हो,
जिनका रूप हैं निराला,
बाबोसा चूरू वाला।।
भाव भक्ति जो करे करे,
ध्यान दिल से धरे धरे,
उनके सँग बाबोसा,
हरपल खड़े है,
चरणों मे जो आता है,
मन चाहा फल पाता है,
बाबोसा के दर पे,
छोटे न बड़ा है,
‘दिलबर’ शरण मे आके,
सर को झुकाके,
दिल मे बिठाके,
तू अपना बनाले,
कहती है कृष्णा ये चूरू वाला,
भक्तो का रखवाला,
बाईसा कहती बाबोसा ही,
बिगड़ी बनाने वाला हो,
जिनका रूप हैं निराला,
बाबोसा चूरू वाला।।
लाल लंगोटा हाथ में घोटा,
है वो बजरंगबाला,
रूप में जिनके हमको मिला है,
माँ छगनी का लाला हो,
जिनका रूप है निराला,
बाबोसा चूरू वाला।।
गायिका – कृष्णा विजयवर्गीय कोटा।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365
प्रेषक – श्री हर्ष व्यास मुम्बई।
( म्यूजिक डायरेक्टर एवम कंपोजर )
मो . 9820947184