राम गुण गा मन मेरा रे,
उमरियां बिती जावे रे।।
आयो पंछी एकलो नागो,
करयो नही सत्य को सागो,
कर्मा स्यूं बण गयो कागो,
गुरु जी थाने हंस बणाव रे,
रामगुण गा मन मेरा रे,
उमरियां बिती जावे रे।।
कुटुम्ब तेरा मात पिता भ्राती,
सब है मतलब का साथी,
तेरे संग हो रया घाती,
तेरे पर घात चलाव रे,
रामगुण गा मन मेरा रे,
उमरियां बिती जावे रे।।
क्यों कर रेया मेरी रे मेरा,
जगत में कोई नहीं तेरा,
काल सिर दे रेया घेरा,
अन्त में तूं पछताव रे,
रामगुण गा मन मेरा रे,
उमरियां बिती जावे रे।।
गुरु मिल्या राम साहेब दासा,
लग रही मिलने की आशा,
हरी है चरणों का प्यासा,
गुरु बिना कौन चेताव रे,
रामगुण गा मन मेरा रे,
उमरियां बिती जावे रे।।
राम गुण गा मन मेरा रे,
उमरियां बिती जावे रे।।
गायक – समुन्द्र चेलासरी।
मो – 8107115329








