रहब रूसल कतेक दिन भवानी,
दोहा – अम्बे दूर्गा चंडिका,
फेरू नज़र एही बेर,
अनधन लक्ष्मी दिय घर में,
बिनती करी कर जोड़।
रहब रूसल कतेक दिन भवानी,
जगत कल्याणी,
जीवन कोना बिततै माँ,
कने तकियो ने।।
हम जीवन अकारथ बितेलौं,
ध्यान कखनो अहाँ पर नै देलौं,
बितल मांगने में…
हो बितल मांगने में हमर ज़िन्दगाणी,
ई दुःख के कहानी,
आन के सुनतै माँ,
कने तकियो ने।।
हम दोशी अधर्मि अज्ञानी,
एक आशा अहि पर भवानि,
कहू ककरा लग….
कहू ककरा लग जा कऽ हम कानी,
सुनू माँ इन्द्रणी,
इ नोर के पोछतै माँ,
कने तकियो ने।।
हम पुत्रा अंहि के छी माता,
सबसं बढ़ के छै जननी ई नाता,
दिलीप दरभंगिया….
दिलीप दरभंगिया के नादानी,
करू माफ यै भवानी,
दुलार के करते माँ,
कने तकियो ने।।
Singer – Dilip Darbhangiya