शरद की पूनम पर जो भी कड़छा जाते हैं भजन लिरिक्स
शरद की पूनम पर, जो भी कड़छा जाते हैं, गुरूवर टेकचंद जी, उनको गले से लगाते हैं।। तर्ज - आदमी ...
Read moreDetailsशरद की पूनम पर, जो भी कड़छा जाते हैं, गुरूवर टेकचंद जी, उनको गले से लगाते हैं।। तर्ज - आदमी ...
Read moreDetailsआ गाडूली तो अमरापुर में जाय, बैठ जावो गाडी में, आ गाडूली तो अमरापुर मे जाय, बैठ जावो गाडी मे।। ...
Read moreDetailsप्रेम पिया से राखो म्हारी बहना, दोहा - संगत करनी संत री, और क्या नुगरा से काम, नुगरा लिजावे नारगी, ...
Read moreDetailsसंतो रे मुख पे बरसे नूर, दोहा - संत मिलीया इतना टले, काल जाल जमजोट, शिश नमाया गिर पडे, लख ...
Read moreDetailsसोनाला में देवरो रे, ओ म्हारे खेतल धणी रो धाम, भगत आवे घणा रे घणा, म्हारे खेतल धणी रो धाम, ...
Read moreDetailsरानी सती आज मेरे घर आई, घर आई माँ घर आई, मुझपे तरस ये खा गई, और मेरा मान बढ़ा ...
Read moreDetailsकृष्ण कहने से तर जाएगा, पार भव से उतर जायेगा।। तर्ज - राम कहने से तर जाएगा। बड़ी मुश्किल से ...
Read moreDetailsगंवाया नींद को उसके लिए, जो ना जरुरी है, अरे सोना से भी ज्यादा, तुझे सोना जरुरी है।। तर्ज - ...
Read moreDetailsछुम छुम छनानन बाजे, कान्हा पाँव पैंजनिया, पांव पैंजनिया कान्हा पांव पैंजनिया, छुम छुम छनानन बाजे, कान्हा पांव पैंजनिया।। तर्ज ...
Read moreDetailsमेरे दाता के दरबार में, सब लोगो का खाता, जो कोई जैसी करनी करता, वैसा ही फल पाता, मेरें दाता ...
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