श्री वल्लभ गुरु के चरणों में मैं नित उठ शीश झुकाता हूँ लिरिक्स
श्री वल्लभ गुरु के चरणों में, मैं नित उठ शीश झुकाता हूँ, मेरे मन की कली खिल जाती है, जब ...
Read moreDetailsश्री वल्लभ गुरु के चरणों में, मैं नित उठ शीश झुकाता हूँ, मेरे मन की कली खिल जाती है, जब ...
Read moreDetailsॐ जय गुरुदेव हरे, ॐ जय गुरुदेव हरें, दीनजनों के संकट, तुम गुरु दूर करें।। पुण्य पयोनिधि पावन, आलरी की ...
Read moreDetailsये भाग्य अभागे का जगा दो हे राम जी, करुणानिधान भोग लगा दो हे राम जी।। तर्ज - एहसान मेरे ...
Read moreDetailsराम नाम की लूट मची है, लूट लो राम के नाम को, हाथ जोड़कर सर को झुकाओ, नमन करो सुखधाम ...
Read moreDetailsहे गौरा तोहरो सजनमा ना, तोहरो सजनवा किछुवो ना बुझौ से, ऑर्डर धरनवा ना।। जेकरा नेय कहियो देखलौ जनम भर, ...
Read moreDetailsतूने सिर पे धरा जो मेरे हाथ, के अब तेरा साथ नहीं छूटे, मेरा तुम पे रहे विश्वास, के अब ...
Read moreDetailsकरता रहूं कीर्तन तेरा, करना प्रभु बस ये कृपा, तुम हमारे लिए, तुम हमारे लिए, तुम हमारे लिए, तुम हमारे ...
Read moreDetailsगजानन प्रभु तुझको आना पड़ेगा, श्लोक - या देवी सर्वभूतेषु, विद्या रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः। ॐ अखण्डमण्डलाकारं, ...
Read moreDetailsगुरुजी मेरी, लागी लगन मत तोड़ना, लागी लगन मत तोड़ना, लागी लगन मत तोड़ना, गुरुजी मेरीं, लागी लगन मत तोड़ना।। ...
Read moreDetailsबाबा ओ मेरे बाबा, जन्मों जन्मों तक, अपना ये नाता रहे, दाता नाता ये, तुमको भी भाता रहे, भाता रहे, ...
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