हे कृष्ण गोपाल हरि हे दीन दयाल हरि भजन लिरिक्स
हे कृष्ण गोपाल हरि, हे दीन दयाल हरि, हे कृष्ण गोपाल हरी, हे दीन दयाल हरि, हे कृष्ण गोपाल हरी, ...
Read moreDetailsहे कृष्ण गोपाल हरि, हे दीन दयाल हरि, हे कृष्ण गोपाल हरी, हे दीन दयाल हरि, हे कृष्ण गोपाल हरी, ...
Read moreDetailsआंसुओ की लग रही धार, लखन मोसे बोले ना, बोले ना रे भैया बोले ना, आंसुओ की लग रही धार, ...
Read moreDetailsशिव विवाह राजस्थानी कथा लिरिक्स, अरे सिवरू माता शारदा ने, गणपत लागू पाँव मुषेरा असवारी, गणपत लागू पाँव मुषेरा असवारी, ...
Read moreDetailsमाँ प्रतीक रही है रजपूती स्वाभिमान की, सती अनुसुइया ज्यु पद्मावती स्वाभिमान जी, रानी पद्मावती है गौरव राजस्थान की, रानी ...
Read moreDetailsपितरा की पातड़ी घड़ दे सोनी का, नुत जिमाऊं ऊत बुलावा, दिया जलावां घी का।। सोना चांदी की पातडी में, ...
Read moreDetailsसेवक लाए है भंगिया, भोले बाबा छान के, भर भर के लोटा पि ले, मस्ती में तान के, भर भर ...
Read moreDetailsम्हारे कालजे री कोर, प्यारा प्यारा चितचोर, म्हारे नैणा सू नैण मिलाले रे, बाबा कुछ म्हासू बतलाले रे, बतलाले रे ...
Read moreDetailsमैया जी मेरे हाथ को, अब थाम लीजिये। दोहा - रोता हूँ जार जार, कुछ असर ही नहीं है, लगता ...
Read moreDetailsसजा श्याम नाम दरबार, खाटू में बरसे है प्यार।। बाबा तेरे भगत ने आस लगाई, खाटू वाले करो सहाई, बाबा ...
Read moreDetailsमाँ पतितपावनी, दोहा - तेरे बगैर ना सजदे, किये कभी मैंने, बसा के दिल में तुझे, की है बंदगी मैंने, ...
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