कचरो छा गयो रे कर्मो पे कैसे काटे दुखड़ो भजन लिरिक्स
कचरो छा गयो रे कर्मो पे, कैसे काटे दुखड़ो। दोहा - कबीर कमाई आपणी, कबू न निष्फल जाय, सात समद ...
Read moreDetailsकचरो छा गयो रे कर्मो पे, कैसे काटे दुखड़ो। दोहा - कबीर कमाई आपणी, कबू न निष्फल जाय, सात समद ...
Read moreDetailsभजन बिना जावेगा रे रोता, दोहा - आया था किस काम से, थू सोया चादर ताण, एक दिन ऐसा सोयेगा, ...
Read moreDetailsमन रे राम भजन कर गेला रे, थने सतगुरु देवे हेला रे।। दिवस गमायो कमायो खायो, ज्यू घाणी का बैला ...
Read moreDetailsसजा दो दर को फूलों से, माँ का नवरात आया है, सम्पदा कीर्ति यश वैभव, व सुख समृद्धि लाया है, ...
Read moreDetailsमाँ दिल के इतने करीब है तू, जिधर भी देखूं नज़र तू आए, जो आँखे बंद करके माँ मैं देखूं, ...
Read moreDetailsहर बार तेरे दर पे, नव गीत सुनाएंगे, ढांढण वाली सुन ले, तेरी महिमा गाएंगे, हर बार तेरे दर पें, ...
Read moreDetailsतेरा श्याम तो तेरे ही, घर के मंदिर में बैठा, तू क्यों रोता है बेटा, मंदिर बंद है तो क्या, तेरा ...
Read moreDetailsकरे ना जब तुझपे, जब तुझपे दवा दुआ कोई काम, किसी भी झाड़े से मिले नहीं आराम, खाटू वाले से ...
Read moreDetailsसाधो भाई बेगम देश स्थाना, दोहा - विजया बेगम देश में, पंहुचा सन्त सुजान, आवागमन छूट गया, अनुभव उदय सुभान। ...
Read moreDetailsजगदम्बा के दीवानो को, दरश चाहिए, दरश चाहिए, हमें माँ तेरी एक, झलक चाहिए, झलक चाहिए।। तर्ज - दीवाने है ...
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