तुलसी सुमर संसार सार दे आचार्य श्री तुलसी भजन
तुलसी सुमर संसार सार दे, तीनों वर्णों से ये, तीन लोक तार दे।। तर्ज - पलकों का घर तैयार सांवरे। ...
Read moreDetailsतुलसी सुमर संसार सार दे, तीनों वर्णों से ये, तीन लोक तार दे।। तर्ज - पलकों का घर तैयार सांवरे। ...
Read moreDetailsधिन गुरु देवो वचन परवाणी, दोहा - सतगुरु जी को वंदना, कोटि कोटि प्रणाम, कीट न जाणे भृङ्ग का, गुरु ...
Read moreDetailsजानो पड़सी रे पंछी, दोहा - यो मैलो संसार रो, अटे आवण जावण कि रित, ऐसी करणी कर चलो बिरा, ...
Read moreDetailsमुनिराज जी तपधारी, पहाडों में भक्ति थे किनी, शमशेर गिरिजी तपधारी, पहाडों मे भक्ति थे किनी, मुनिंराज जी तपधारी रे ...
Read moreDetailsराम गुण ऐसे गाणा रे, दोहा - नाथ उन्ही को जानिये, नाथे पांचों भूत, श्री लादुनाथ मन नाथ के, जोगी ...
Read moreDetailsगैया के प्राण पुकार रहे, गोविन्द बिन कौन सहाय करे।। तर्ज - जिस भजन में राम का। बेटे को काँटा ...
Read moreDetailsऐसो रास रच्यो वृन्दावन, है रही पायल की झंकार।। घुंघरू खूब छमा छ्म बाजे, बजते बिछुवा बहुते बाजे, रवा कौंधनी ...
Read moreDetailsरह ना पाऊंगा श्याम मैं, रह ना पाऊंगा, मेरे मन की बातें बाबा, किसे बताऊंगा, रह ना पाऊँगा श्याम मैं, ...
Read moreDetailsछोटे से मंदिर में बाबा, करता बड़ा कमाल है, जो आया मालामाल है, नैनवा निहाल है, छोटे से मंदिर मे ...
Read moreDetailsएक बार तो कन्हैया, हम जैसो से मिलो, मिलना उसी का नाम है, फुरसत से गर मिलो।। आये नहीं कि ...
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