चली पनिया भरन शिव नार सागर में उतारी गागरिया लिरिक्स
इठलाती हुई बल खाती हुई, चली पनिया भरन शिव नार, सागर में उतारी गागरिया।। रूप देख कर सागर बोला, कौन ...
Read moreDetailsइठलाती हुई बल खाती हुई, चली पनिया भरन शिव नार, सागर में उतारी गागरिया।। रूप देख कर सागर बोला, कौन ...
Read moreDetailsबाबा मुझको ऐसा घर दो, जिसमे तुम्हारा मंदिर हो, ज्योत जले दिन रैन तुम्हारी, तुम मंदिर के अन्दर हो।। इक ...
Read moreDetailsशिव मात पिता, शिव बंधू सखा, शिव चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम, शिव चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम।। जिनका तो ...
Read moreDetailsअरजी सुणज्यो जी त्रिपुरार, थे तो भूतों के सरदार, थारी महिमा अपरंपार, धतूरों बोयो बन में, धतूरों बोयो बन में, ...
Read moreDetailsइतना तो दो कन्हैया, हक़ कम से कम, कह सके ज़माने को, तुम्हारे है हम, इतना तो दो कन्हैंया, हक़ ...
Read moreDetailsकहे कन्हैया, सुन मेरी मैया, मान ले मेरी बात, शादी करवा दे री, राधा रानी के साथ।। तर्ज - सुनो ...
Read moreDetailsछोटी सी कुटिया है मेरी, बालाजी तुम आ जाना, रुखा सूखा दिया है मुझको, उसका भोग लगा जाना, उसका भोग ...
Read moreDetailsसर झुका लिया, मैंने तेरा नाम लेके, जय श्री श्याम कहके, जय श्री श्याम कहके, तुझको पा लिया, तेरा गुणगान ...
Read moreDetailsबालाजी म्हारे आंगणिये पधारो, थारे भक्ता ने दरश दिखाओ, म्हारा सालासर धणी।। तर्ज - कान्हा रे बागा में झूला। बालाजी ...
Read moreDetailsकन्हैया कन्हैया तेरे दर आये हैं, दर पे तेरे झोली फैलाये हैं।। गोकुल में यशुदा का प्यारा बना, अवध में ...
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