बिन सत्संग होवे ना ज्ञाना भजन लिरिक्स
बिन सत्संग होवे ना ज्ञाना, दोहा - निर्धन कहे धनवान सुखी, धनवान कहे सुख राजा को भारी, राजा कहे चक्रवर्ती ...
Read moreDetailsबिन सत्संग होवे ना ज्ञाना, दोहा - निर्धन कहे धनवान सुखी, धनवान कहे सुख राजा को भारी, राजा कहे चक्रवर्ती ...
Read moreDetailsतू सत्संग नौका में बैठ, सुवा चाले तो।। दोहा - रामचरण रुल झावतो, मिलती नहीं सत्संग, कठिन त्याग वैराग को, ...
Read moreDetailsमिग्सर का आया त्यौहार है, सज गया चुरू दरबार है, बैठे श्री बाबोसा सरकार है, दर्शन को दिल बेकरार है।। ...
Read moreDetailsचालो मना सत्संग करा, दोहा - पाप कटे मन डटे, सत्संग गंगा नहाय, बिण्ड भया गुरू देव का, दसो दोस ...
Read moreDetailsगुरुदेव पिलादी वो अमर ओम जड़ी, दोहा - सतगुरु मेरे सिर धनी, और पीरा से बड़ पीर, गुरु बगधारी धीर ...
Read moreDetailsथारे खुशी पड़े तो मानजे रे, सतगुरु समझावे रे। दोहा - अमल तंबाकू छुतरा, सुरा पान सु हैत, नानक नरका ...
Read moreDetailsबहती है अँखियों से धार, आ जाओ सांवरे। दोहा - कालजो धड़के मेरो, और कुम्भलावे देह, आँखड़ली झुर झुर बवे, ...
Read moreDetailsमुझे श्याम सुंदर सुघर चाहियेगा, जिधर फेरूं नज़रे उधर चाहियेगा।। जो सारे जगत का पिता, आसमा भी है जिसेसे टिका, ...
Read moreDetailsसब रंग में फकीरी, रंग बड़ो मस्तानी। दोहा - तन की परवाह नहीं, धन की परवाह नहीं, झांके छाके गयो ...
Read moreDetailsजिंदगी में मुझे कुछ मिले ना मिले, हर घड़ी आपकी बस कृपा चाहिए, नाम की तेरी शोहरत कमा पाऊं मैं, ...
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