बस चार दिनों का मेला फिर चला चली खेला लिरिक्स
बस चार दिनों का मेला, फिर चला चली खेला, नही कायम जग में डेरा, प्यारे ना तेरा ना मेरा।। तर्ज ...
Read moreDetailsबस चार दिनों का मेला, फिर चला चली खेला, नही कायम जग में डेरा, प्यारे ना तेरा ना मेरा।। तर्ज ...
Read moreDetailsमैं थाने सिवरू सिरवाल माता, हैले हाजर आय रे।। गाव बावड़ी में प्रगटिया मैया, धजा फरुके असमान रे, मे थाने ...
Read moreDetailsक्यों चिंता करता बेकार, द्वारे पे तेरे खडो है दातार, देगो चुगेरो है जाने चोंच दई।। तर्ज - आने से ...
Read moreDetailsओम सत्य ओम सत्य, होवे हर की आरती, हरि ओम हरि ओम, होवे हर की आरती, जय जय बोले, बाबा ...
Read moreDetailsगाफिल क्यों नींद में सोग्यो, दोहा - ढोल बजाय बजाय कहे, सब संत जगावत देवत हेला, सोई रहा नर गाफिल ...
Read moreDetailsबिन सत्संग होवे ना ज्ञाना, दोहा - निर्धन कहे धनवान सुखी, धनवान कहे सुख राजा को भारी, राजा कहे चक्रवर्ती ...
Read moreDetailsतू सत्संग नौका में बैठ, सुवा चाले तो।। दोहा - रामचरण रुल झावतो, मिलती नहीं सत्संग, कठिन त्याग वैराग को, ...
Read moreDetailsमिग्सर का आया त्यौहार है, सज गया चुरू दरबार है, बैठे श्री बाबोसा सरकार है, दर्शन को दिल बेकरार है।। ...
Read moreDetailsचालो मना सत्संग करा, दोहा - पाप कटे मन डटे, सत्संग गंगा नहाय, बिण्ड भया गुरू देव का, दसो दोस ...
Read moreDetailsगुरुदेव पिलादी वो अमर ओम जड़ी, दोहा - सतगुरु मेरे सिर धनी, और पीरा से बड़ पीर, गुरु बगधारी धीर ...
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