शिव पार्वती पंचहताई कथा
शिव पार्वती पंचहताई कथा, दोहा - गंग भंग दो बहन है, रहती शिव के संग, जिन्दो को तारण भंग है, ...
Read moreDetailsशिव पार्वती पंचहताई कथा, दोहा - गंग भंग दो बहन है, रहती शिव के संग, जिन्दो को तारण भंग है, ...
Read moreDetailsमेरे दिल में बस गया माँ, बेरी आली का नाम, धरती ऊपर स्वर्ग बणया से, मेरी मां का धाम।। बीच ...
Read moreDetailsअरु धर लाल लंगूर, कर अर्जी मंजूर, तेरे द्वार पै, भगत खडया।। जो तू चाहवैगा, बस वो ही होणा सै, ...
Read moreDetailsभैरु म्हारो सज रह्यो, मूंछ्या तान, तोरण रो बींद लाग रह्यो।। ताजमहल हवामहल सब देख्यां, थारे सामी सगला लार रह ...
Read moreDetailsधरती सज गई सज गया अंबर, नशा अजब सा छा गया, लो मेला आ गया, लों मेला आ गया।bd। श्याम ...
Read moreDetailsखाटू जाके श्याम धनी को, दिल का हाल सुनाना है, हमें भी खाटू जाना है, हमे भी खाटू जाना है।bd। ...
Read moreDetailsउलझ्यो उलझ्यों हूं मैं बाबा, थोड़ो सुलझ्या दे, था बिन क्यूं यो जी ना लागे, म्हाने बतलादे, ज्यो थाने इब ...
Read moreDetailsआयो रे आयो देखो, आयो फागण मेला, खाटू मा बैठ्यो, बाबो मारे है हेलो, बाबुल उड़ीके सारा, टाबरा को गैलो, ...
Read moreDetailsमंदिर में सजके ये बैठा साँवरा, जिसे देखके मन मेरा बोले ये बावरा, है श्याम सलोना सुंदर मेरा साँवरा, जिसे ...
Read moreDetailsमाई की सेवा दिल से कर, नर्मदे नर्मदे नर्मदे हर, नर्मदे हर जीवन भर, माईं की सेवा दिल से कर।। ...
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