पर घर प्रीत मत कीजे राजस्थानी भजन लिरिक्स
पर घर प्रीत मत कीजे, छैल चतुर रंग रसिया रे भवरा, पर घर प्रीत मत कीजे, पर घर प्रीत मत ...
Read moreDetailsपर घर प्रीत मत कीजे, छैल चतुर रंग रसिया रे भवरा, पर घर प्रीत मत कीजे, पर घर प्रीत मत ...
Read moreDetailsमैं हूँ शरण में तेरी हे नाथ डमरू वाले, दुःख से मुझे उबारो पाँवो में पड़ गए छाले, मैं हूँ ...
Read moreDetailsसंकटमोचन नाम तिहारो, बाल समय रबि भक्षि लियो तब तीनहुँ लोक भयो अँधियारो। ताहि सों त्रास भयो जग को यह ...
Read moreDetailsबानर बांको रे, लंका नगरी में, मच गयो हाको रे, बानर बांको रे ॥ मात सिया यूं बोली रे बेटा, ...
Read moreDetailsबड़ी दूर से चलकर आया हूँ, तर्ज - आवारा हवा का झोका हूँ बड़ी दूर से चलकर आया हू, मेरे ...
Read moreDetailsदूल्हा बन गया भोला भाला, तर्ज - खई के पान बनारस वाला दूल्हा बन गया भोला भाला, गांजा भांग का ...
Read moreDetailsश्याम रंग मन भायो, तर्ज - प्रेम रतन धन पायो दीवानी मैं श्याम की, मुरली के तान की, बाजी जो मुरलिया ...
Read moreDetailsआपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी, हम तो इस काबिल ही ना थे, ये कदर दानी आपकी, आपने अपना बनाया मेहरबानी ...
Read moreDetailsशिव सुमिरन से सुबह शुरू हो, शिव मंदिर में शाम हो, शिव करुणा की छैया में, शाम ढले विश्राम हो।। ...
Read moreDetailsबम बम ल़हरी, शिव शिव ल़हरी, सब गायें... श्लोक शेष नाग को गलपता कियो, शंकर गए कैलाश, अखण्ड तपस्या धारण ...
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