गल मोत्यां को हार सिर चुनड़ चमकदार भजन लिरिक्स
गल मोत्यां को हार, सिर चुनड़ चमकदार, थे कर सोलह श्रृंगार, माँ बनड़ी सी लागो जी, माँ बनड़ी सी लागो ...
Read moreDetailsगल मोत्यां को हार, सिर चुनड़ चमकदार, थे कर सोलह श्रृंगार, माँ बनड़ी सी लागो जी, माँ बनड़ी सी लागो ...
Read moreDetailsजिस माँ ने तुमको जनम दिया, दिल उसका दुखाना ना चाहिए, अपनी माता के दामन में, कभी दाग लगाना ना ...
Read moreDetailsसांझ सवेरे नैन बिछा के, राह तकु रघुनन्दन की, राम आएँगे जग जाएगी, राम आएँगे जग जाएगी, किस्मत मेरे आँगन ...
Read moreDetailsजल चढाने से, सब काम होता है, महादेव को खुश करना, आसान होता है।। तर्ज - सिंदूर चढाने से। महादेव ...
Read moreDetailsसारी दुनिया है दीवानी, अम्बे रानी आपकी, कौन है जिस पर नही है, कौन है जिस पर नही है, मेहरबानी ...
Read moreDetailsभूलूँ ना भूलूँ ना, मैं कभी नाम तुम्हारा, दास हूँ तेरे चरणों का।। तर्ज - आजा रे ओ मेरे। तू ...
Read moreDetailsबंसी बजा के श्याम ने, दीवाना कर दिया, अपनी निगाहें नाज़ से, मस्ताना कर दिया, बँशी बजा के श्याम ने, ...
Read moreDetailsराजा भरथरी से अरज करे, महलो में खड़ी महारानी, राज पाट तज बन गया जोगी, ये क्या दिल में ठानी।। ...
Read moreDetailsमेरे घर में थाली बजगी री, तेरी दया तं अम्बे।। मेरी सासड़ घुटी प्यावः, मेरी सासड़ घुटी प्यावः, मेरी नणदी ...
Read moreDetailsगुरूजी थारा समचाणा दरबार, स्वर्ग तं प्यारा लागे स।। गाम के धोरः भवन निराला, गाम के धोरः भवन निराला, प्रगट ...
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