कृष्ण गोविन्द गोपाल रटते रहो भजन लिरिक्स
कृष्ण गोविन्द गोपाल रटते रहो, तेरी लेंगे खबरिया कभी ना कभी, प्रेम से नेम से रोज भजते रहो, वो करेंगे ...
Read moreDetailsकृष्ण गोविन्द गोपाल रटते रहो, तेरी लेंगे खबरिया कभी ना कभी, प्रेम से नेम से रोज भजते रहो, वो करेंगे ...
Read moreDetailsमेरा जीवन तेरे हवाले, दर दर ठोकर खाके आया, अब तो गले से लगा ले, मेरा जींवन तेरे हवाले।। तर्ज ...
Read moreDetailsमेरी विनती सुनो एक बार, ओ खाटू वाले, मैं आया तेरे द्वार, ओ खाटू वाले, मेरी विनती सुनों एक बार, ...
Read moreDetailsतेरा कैसे कर्ज चुकाऊं, कितने एहसान गिनाऊं, तू देकर भूलने वाला, मैं हर पल हाथ फैलाऊं।। तर्ज - तुझे सूरज ...
Read moreDetailsजीवन दिया जो आपने, उपकार साँवरे, तेरी दया से पल रहा, परिवार साँवरे, जीवन दिया जों आपने, उपकार साँवरे।। तर्ज ...
Read moreDetailsरूणझुण रूणझुण घुघरू बाजे, पिछम धरा रे माय, रूनीचे रे मारगे, रूनीचे रे मारगे ओ, लीलो घोडो आवे रे, पीरजी ...
Read moreDetailsभलो वेला भगवत ने भजीया, भलो वेला मालिक ने सुमरीया, सोय भजो नर नारी राम रो, राखेनी भरोसो मेरा भाई।। ...
Read moreDetailsजाने क्यों लोग यहाँ पर, जमा होते है। तर्ज - जाने क्यूँ लोग। जाने क्या बात है, चांदनी रात में, ...
Read moreDetailsयाद मैंने किया ना तुझे सांवरे, तूने एक पल भी मुझको भुलाया नहीं, तू हमेशा था प्यारे मेरे सामने, मैंने ...
Read moreDetailsदर दर भटक रहा हूँ, तेरी दोस्ती के पीछे, क्या सजा मिली है मुझको, क्या सजा मिली है मुझको, तेरी ...
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