नमो म्हारा विश्वकर्मा भगवान,
दोहा – ना तीरों से,
ना तलवारों से,
विश्व बना है तो केवल,
विश्वकर्मा जी के औजारों से।
विश्वकर्मा जी ने विश्व रचाया,
गजब आप री माया,
श्रष्टि का दातारि आपके,
चरणा में शीश नवाया।
नमो म्हारा विश्वकर्मा भगवान,
आपने खम्मा घणी घणी।।
हे भगवन आदि अनादि केवाया,
देवता दानव के मन भाया,
सृष्टि अद्भुत आप रचाया,
आपने खम्मा घणी घणी।।
आपरा पांचो पुत्र कल्याणी,
मस्तक डेढ़ हजार है जाणी,
महिमा वेद पुराण बखानी,
आपने खम्मा घणी घणी।।
देव म्हारा रूप चतुर्भुज धारी,
आपरी हंस वाहन सवारी,
पूजे सकल जगत नर नारी,
आपने खम्मा घणी घणी।।
पहले हाथ है गज भारी,
दूजे हाथ सुत है भारी हो,
कमंडल पुस्तक की चोगाणनी,
आपने खम्मा घणी घणी।।
चौदह भवन आप बनाया,
तीनो लोक खूब सजाया,
सप्त ऋषिया रा ठिकाना बनाया,
आपने खम्मा घणी घणी।।
आपरा कैया करा मैं बखान,
आप हो शिल्पी बड़ा महान,
भगवत सुरेश करें नित्य ध्यान,
आपने खम्मा घणी घणी।।
नमो म्हारा विश्वकर्मा भगवान,
आपने खम्मा घणी घणी।।
Singer – Bhagwat Ji Suthar
Upload – Hitesh Suthar
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