नाकोडा जब से गया,
मिली खुशियो की सौगात है,
जिंदगी ये रोशन है,
महका रहा गुलशन है,
भेरू दादा मेरे साथ है।।
तर्ज – फूलो सा चेहरा तेरा।
चमकी है किस्मत देखो ये मेरी,
भैरव का जब से लिया नाम है,
तेरी कृपा से अब होने लगा है,
मेरा जो अटका हुआ काम है,
तेरे इशारों से,
ये नैया किनारों पे,
इस दुनिया मे तुमसा,
कोई नही है,
तू ही पालनहारा है,
दादा तू सहारा,
तेरी कृपा का कोई छोर नही है,
बिन मांगे झोली भरी,
हुई कृपा की बरसात है,
जिंदगी ये रोशन है,
महका रहा गुलशन है,
भेरू दादा मेरे साथ है।।
भक्तो के संकट पल में ये हरता,
करता करिश्मा ये दिन रात है,
माँ अम्बे का राज दुलारा,
हरपल ही करता करामात है,
लाखो हजारों में,
खड़े भक्त कतारों में,
मंजर ये अलबेला,
तेरे द्वार का,
हर भक्त दीवाना है,
ये जाने जमाना है,
दिलबर ये असर है,
तेरे प्यार का,
गौरव के सर पे दादा,
बस तेरा ही हाथ है,
जिंदगी ये रोशन है,
महका रहा गुलशन है,
भेरू दादा मेरे साथ है।।
नाकोडा जब से गया,
मिली खुशियो की सौगात है,
जिंदगी ये रोशन है,
महका रहा गुलशन है,
भेरू दादा मेरे साथ है।।
गायक – गौरव कर्णावट जोधपुर।
लिरिक्स – दिलीप सिंह सिसौदिया “दिलबर”
नागदा जक्शन म.प्र . मो . 9907023365