ना जाने क्यों बहुत रोया,
तुम्हारी याद में मोहन।
दोहा – जितना दिया सरकार ने मुझको,
उतनी मेरी औक़ात नहीं,
ये तो करम है उनका वर्ना,
मुझ में तो ऐसी बात नहीं।
प्रीतम ये मत जानियो,
तुम बिछड़े मोहे चैन,
जैसे जल बिन माछली,
तड़पत हूँ दिन रेन।
ना जाने क्यों बहुत रोया,
तुम्हारी याद में मोहन,
कभी ना नींद भर सोया,
तुम्हारी याद में मोहन।bd।
ना तुम पूजा से मिल पाते,
ना हम कोई पुण्य कर पाते,
मैं गठरी पाप की ढोया,
तुम्हारी याद में मोहन,
ना जाने क्यूँ बहुत रोया,
तुम्हारी याद में मोहन।bd।
जमाना रूठ जाए पर,
ना रूठो तुम मेरे दाता,
पुराना जन्म जन्मों का,
कन्हैया आप से नाता,
मैं ठोकर दुनिया की खाया,
तुम्हारी याद में मोहन,
ना जाने क्यूँ बहुत रोया,
तुम्हारी याद में मोहन।bd।
दया कर दो मेरे प्यारे,
तुम्ही दाता कहाते हो,
नैनो में नीर है मेरे,
मुझे तुम क्यूँ रुलाते हो,
तड़प अब सह नहीं पाया,
तुम्हारी याद में मोहन,
ना जाने क्यूँ बहुत रोया,
तुम्हारी याद में मोहन।bd।
ना जाने क्यूँ बहुत रोया,
तुम्हारी याद में मोहन,
कभी ना नींद भर सोया,
तुम्हारी याद में मोहन।bd।
Singer – Shubham Pratap Singh