मोर मुकुट बंसी वारे,
तन मन तुझपे सब हारे,
तेरी कृपा की दृष्टि से,
पावन होते हम प्यारे।।
कब से खड़ा हूँ मैं द्वारे पे तेरे,
नजरें बिछाए आस लगाए,
एक झलक दे दे घनश्यामा,
भक्ति की मेरी लाज बचाए,
तेरे प्रेम की रोशनी से ही,
जग में छाए उजियारे,
मोर मुकुट बंसीवारे,
तन मन तुझपे सब हारे।।
तू ही जीवन तू ही आशा,
तेरे बिना सब कुछ है निराशा,
पल पल तेरा नाम पुकारूं,
इतनी सी है ये अभिलाषा,
बीच भंवर में अटकी है नैया,
भवसागर से पार करादे,
मोर मुकुट बंसीवारे,
तन मन तुझपे सब हारे।।
मोर मुकुट बंसी वारे,
तन मन तुझपे सब हारे,
तेरी कृपा की दृष्टि से,
पावन होते हम प्यारे।।
गायक – सरमन शर्मा / भारत तिवारी।
9990917547