म्हारा बालाजी सरकार,
कमोल में विराज रया।।
तहसील सायरा जिला उदयपुर,
धाम घनों रलियानो,
मोटा मंगरा ले हरियाली,
बैठो घोटा वालों,
जाका दर्शन सु दुख मिट जाए,
कमोल में विराज रया।।
कामन मूठ का मैटे छाला,
लाल लंगोटा वालो,
सांचा मन सु जो कोई सिमरे,
खोले कर्म को तालो,
आका अटक्या काम बन जाए,
कमोल में विराज रया।।
सीकर मंदिर में बैठा बजरंग,
दो दो रूप निराला,
मात आवरा बैठी कालका,
शंकर भोला भाला,
बेटा बावड़ी में शिव महादेव,
कमोल में विराज रया।।
शनि देव खेतलाजी आगे,
गौ माता की समाधि,
रोड दास जी सेवा माही,
अमरजोत जुगादी,
अखंड जल की जलती जोत,
कमोल में विराज रया।।
नवरात्र की सातम मिलो,
मनक गनों में भेलो,
और बैसाखी सूत चौदस ने,
भारी लागे मेलो,
जटे आवे आवे लख नर नार,
कमोल में विराज रया।।
रोड दास जी फेफी बाई,
थासू अर्जी लगावे,
बालाजी के श्री चरणों में,
“दीनू” शीश नमावे,
हेलो सुन जो मारा दीनानाथ,
कमोल में विराज रया।।
म्हारा बालाजी सरकार,
कमोल में विराज रया।।
गायक – कथा वाचक दिनेश वैष्णव जी।
छापरी राजसमंद।
99282 53130